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Tuesday, December 23, 2008

काली

काली


कहानी के लेखक: गौरव गुप्ता
Email: garv_gupt@yahoo.com, Phone: +91 9312605179


स्कूल का 8th standard का classroom. Physics कि teacher पढा रही है| कुछ लडके जिनमे से एक म्रिदुल है, पीछे बैठे यौन पुस्तक को देख कर खुसपुसा रहे है| श्रीदा का मन पढाई मे नही है| वो दूर दूसरी कक्षा मे लडकियो को नाचते हुए देख रही है| Physics कि class खत्म होने पर वो बाकी बच्चो के साथ बाहर निकलती है और dance classroom के बाहर खडी हो जाती है और एक लडकी - अनुपमा से कहती है कि उसे dance सीखने का बहुत मन है| अनुपमा बाकी लडकियो को बताती है और सब उसका उसके रंग, जोकि काला है, उस पर मजाक उडाते है| वह दुखी हो कर toilet मे जाती है और रोती है| स्कूल से वापस आते समय बस मे वह किसी से बात नही करती और घर आकर सीधा अपने कमरे मे जा कर बिस्तर पर लेट जाती है| मा- अनुभूति खाने के लिये आवाजं देती है पर वह जवाब नही देती| अनुभूति जोर से उसे बाहर आने के लिये कहती है| अंदर से आवाज देती है कि वह खाना नही खाना चाहती| अनुभूति जबरदस्ती उसे बाहर निकालती है| श्रिदा बताती है कि सब उसे काली कह कर चिडाते है| अनुभूति उसे अपने हाथ से खाना खिलाती है| श्रीदा का मन बहलाने के लिये अनुभूति उसे वस्त्र दिलाने के लिये एक shopping mall मे ले जाती है| dress खरीदने के बाद श्रीदा देखती है कि वहाँ पर एक dance competition हो रहा है| वह खुद को मंच पर एक नर्तक के रूप मे अनुभूत करती है|

श्रिदा का पिता देव office मे shares कि खरीदोफरोख्त पर अपने ग्राहक- उदय को सलाह दे रहा है|
उदय उसके तजुर्बे के प्रशंसा करता है| देव बताता है कि कैसे उसने एक थोडी सी पूंजी को कुछ समय मे ही दुगना कर दिया| उदय उसे अपनी एक बडी रकम को दुगना करने का प्रस्ताव रखता है जिसे देव खुशी से स्वीकार कर लेता है| देव के office के सामने एक सब्जीवाला है जिसे देव नापसंद करता है| कई बार कहने के बावजूद वह अपनी रेड़ी उसके office के सामने ही लगाता है| दोनो मे बहस होती है| सब्जीवाला उससे गुजारिश करता है कि वह उसे वही रेड़ी लगाने दे| देव नही मानता| देव उसे पुलिस तथा कानूनी कार्यवाही कि धमकी देता है|

स्कूल मे lunch break के दौरान श्रीदा पानी पीने जाती है| वहाँ पर लड़कियो का छोटा समूह बैठा होता है जो उसे पानी पीने से रोकता है| उन मे से वो लडकी - अनुपमा, जो स्कूल कि सबसे अच्छी नर्तक है वह कहती है कि क्योकि श्रिदा काली है, वह उन गोरी लडकियो के खाना खाने के बाद ही पानी पी सकती है| श्रिदा उसके बाल पकड लेती है और उसे तमाचा मारती है| अनुपमा रोती हुई बाकि लडकियो के साथ teacher से श्रिदा कि शिकायत करती है और उस पर आरोप लगातीं है कि श्रिदा सब को परेशान करती है| श्रिदा कि मा- अनुभूति को स्कूल बुलाया जाता है और बताया जाता है कि श्रिदा पढ़ने मे भी ध्यान नही दे रही है|

परीश्राऐ आरंभ होने मे एक हफता रह जाता है| श्रिदा का मन पढाई मे नही लग रहा होता और वह अनुपमा को याद करते हुए कोसती है| उसे TV कि ध्वनि सुनाई देती है और वफ TV देखने लगती है| TV देखते देख
अनुभूति श्रिदा को डाँटती है और कहती है कि अगर वह फेल हो गयी तो वह श्रिदा को घर से दूर गुरुकुल भेज देगी|

परीश्रा के maths paper के
दिन श्रिदा कि तैयारी अपूर्ण होती है| वह देखती है कि म्रिदुल कुछ लडको के साथ फर्रे बना रहा है| वह म्रिदुल से कहती है कि उसे भी फर्रे चाहिये| परीश्रा के समय श्रिदा को कुछ समझ नही आता| म्रिदुल उसे फर्रे देता है| श्रिदा फर्रो से नकल करती हुई पकड़ी जाती है| श्रिदा को एक साल के लिये फेल कर दिया जाता है|

देव अपने कार्यालय मे बैठा सब्जीवाले को देख कर तिलमिला रहा होता है| देव का ग्राहक
उदय आता है| देव कहता है कि stock market गिरने कि संभावना है| वह उदय को आश्वासन देता है कि उसके होते उदय को नुकसान नही होगा| देव उदय को निश्चिंत रहने कि सलाह देता है|

घर पहुँचने पर जब देव को श्रिदा के फेल होने कि खबर मिलती है तो वह गुस्से से आगबबूला हो जाता है और श्रिदा को मारने के लिये बढ़ता है| अनुभूति श्रिदा को बचाती है| देव श्रिदा से पूछता है कि वह क्यो फेल हो गयी| श्रिदा कहती है कि उसका मन न्रित्य के अलावा किसी और विषय मे नही लगता| देव श्रिदा को डाँटता है और उसकी बेज्जती करता है जिस से साफ लगता है कि वह अपनी बेटी के मन को समझता नही है| वह अनुभूति और श्रिदा को हिदायत देता है कि श्रिदा को अपना मन नाच गाने से हटा कर पढ़ाई मे लगाना चाहिये| श्रिदा को लगता है कि हर कोई उससे नफरत करता है क्योकि वह काली है|

स्कूल मे कक्षाऐ आरंभ हो जाती है| एक दिन maths कि क्लास के दौरान श्रीदा का मन dance class मे ही होता है| maths क्लास खत्म होने पर वह dance class कि खिड़की के पास खड़े हो कर अंदर छुप कर देखती है| dance master- गोकुल क्लास मे आते है| लडकियां उन्हे नमस्कार करती है|
फिर वे लड़कियो से पूछते है कि उन्होने सारे हफ्ते क्या अभ्यास किया? जिन लड़कियो ने अभ्यास नही किया उनको वे समझाते है| फिर वह न्रित्य के कुछ आयामो के बारे मे बताते है और नाच कि शिक्षा देते है| जब वह नाच रहे होते है तो खिड़की पर खड़े कुछ लडके उन को देख कर हसते है| गोकुल नजरअंदाज कर देता है| फिर जब लडकिया नाचती है तो उनमे से एक लडका म्रिदुल सीटी मारता है| गोकुल क्रिधित हो कर बाहर आते है और पूछते है कि सीटी किसने मारी| म्रिदुल बोलता है कि उसे लडकियो को नाचते देख कर अच्छा लगा| गोकुल म्रिदुल वहाँ से जाने के लिये कहते है| लडका कहता है कि लडकियो को देखने का अधिकार उसे भी है| गोकुल क्रोधित हो कर म्रिदुल को पीट डालता है|

अगले दिन
म्रिदुल अपने मा बाप के साथ, जो कि स्कूल के निवेशकों मे से है, के साथ principal
से गोकुल कि शिकायत करता है|
principal गोकुल को बुलाते है और कहते है कि वह लडके के मा बाप से माफी माँगे| गोकुल इँकार कर देता है| principal गोकुल को स्कूल से निष्कासित कर देता है| गोकुल स्कूल के द्वारा दिये हुये घर को छोड़ने के लिये एक हफ्ते कि मोहलत माँगता है|

देव अपने office कि खिडकी से सब्जीवाले को कोस रहा होता है| उदय आता है और दोनो मे बहस होती है| उदय कहता है कि जिन shares पर देव ने उदय को पैसा लगाने को बोला वे डूब रहे है| देव अपना मान बचाने के लिये कहता है कि बाजार संभल जाएगा और पैसा लगे रहने दे|
उदय देव को चेतावनी देता है कि अगर उसको नुकसान हुआ तो वह देव के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेगा|

घर लौट कर देव अनुभूति को बताता है कि सट्टा बजार मे उसे भारी नुकसान हुआ है|
अनुभूति प्रस्ताव देती है कि वह घर मे पैसे कि तंगी को देख नौकरी ढ़ूंढ लेती है, जिसे देव खारिज कर देता है| अनुभूति फिर कहती है कि उनके घर की उपर कि मंजिल जो खाली पडी थी काफी समय से, उसे किराए पर दे देना चाहिये| देव मान जाता है| अनुभूति अख्बार मे इश्तिहार दे देती है|

गोकुल उस
इश्तिहार को पढ़ कर अनुभूति से बात कर के उसके घर को देखने आता है| वह उपर वाली मंजिल को पसंद कर लेता है और 5000 INR मासिक किराए को देने के लिये मान जाता है| अगले दिन गोकुल देव के मकान कि उपर वाली मंजिल मे अपने समान सहित रहने आ जाता है|

अगले दिने श्रिदा स्कूल से आते वक्त गोकुल कि मोपेड को अपने घर के आँगन मे देख हैरान हो जाती है| वह अनुभूति से उसके बारे मे पूछती है|
अनुभूति उसे बताती है कि उन्होने दूसरी मंजिल किराए पर दी है| जिज्ञासा वश श्रिदा सीढ़ीयो से उपर जाती है| वहा उसे गोकुल के कपडे सूखने के लिये टंगे मिलते है| वह खिडकी से अंदर झाँकती है| अंदर उसे एक ध्यानलीन आक्रति फर्श पर बैठे दिखती है| उसे विश्वास हो जाता है कि वह गोकुल ही है| श्रिदा एकाएक प्रसन्न हो जाती है| वह गाते कूदते हुए नीचे आती है और अपने आँगन मे आकर नाचने लगती है|

अगले दिन स्कूल मे श्रिदा का चंचल व्यवहार सबको अचंभित करता है| class मे बैठे वह दूर dance class कि तरफ भी नही देखती| जब अनुपमा उसे द्वेष कि द्रिष्टि से देखती है तो वह मुस्कुराने लगती है, जिससे अनुपमा हैरान हो जाती है| घर लौट कर श्रिदा जल्दी से उपर कि मंजिल पर जाती है और खिडकी से अंदर झाँकती है| अंदर अंधेरा होने के कारण उसे कुछ नही दिखता, पर गोकुल को पता लग जाता है| जब वह दरवाजा खोलता है तो श्रिदा डर कर नीचे भाग जाती है| रात को श्रिदा को सपना आता है कि वह मंच पर नाच रही है और बहुत सारे दर्शक उसे नाचते देख कर सुखी हो रहे है|

एक दिन श्रिदा गोकुल के घर एक पतंग ले कर जाती है और गोकुल से कहती है के वह उसे पतंग उडाने मे मदद करे| श्रिदा और गोकुल के बीच दोस्ती हो जाती है| गोकुल को पता लग जाता है कि श्रिदा हीन भावना से ग्रस्त है, कि वह ज़िंदगी मे कुछ भी करने के लिये उत्साहित नही है, पर वह यह भी समझ जाता है अगर गोकुल चाहे तो श्रिदा मे बदलाव लाया जा सकता है| महीने बीत जाते है और रोज कुछ समय के लिये वो दोनो मिल कर बाते करते है|

श्रिदा आमतौर पर पहले से ज्यादा खुश तो रहने लगी पर उसे अपने पिता के बरताव पर अफसोस होने लगा| देव शराब पी कर घर देर से लौठता और आते ही कभी अनुभुति से लडता या श्रिदा को डाँटता मानो वह श्रिदा को कोस रहा हो कि वह कोई काम करने के लायक नही है|

स्कूल मे एक dance competition का एलान होता है| श्रिदा गोकुल को बताती है और उस के कहने पर competition मे अपना नाम register करवा लेती है| अनुपमा और बाकी लडकियाँ उसका बेहद मजाक उडाते है| श्रिदा को कुँठा घर कर लेती है कि वह कभी भी जीत नही सकती (क्योकि वह काली है)| गोकुल उसे समझाता है कि श्रिदा को स्वयं को साबित करना ही होगा| गोकुल को लग जाता है कि जीत के इलावा श्रिदा का आत्मस्वाभिमान बढ़ाने का कोई और रास्ता नही है, पर हीन भावना और संकोच कि वजह से श्रिदा गोकुल के सिखाने पर भी न्रित्य नही कर पाती|

श्रिदा का मन बदलने के लिये गोकुल एक स्वाँग रचता है| एक दिन जब श्रिदा हर रोज कि तरह गोकुल से मिलने आती है तो वह उसके घर मे तीन और लडकियो को देखती है जो उसी के उम्र कि है| गोकुल उन को न्रित्य सिखा रहा होता है| यह देख श्रिदा का मन ईर्षा से भर जाता है| वह गोकुल से बात करने का प्रयास करती है तो गोकुल कहता है कि अगर उसे घर मे आना है तो उसे सब के सामने न्रित्य करना होगा| कुछ दिनो के लिये तो श्रिदा गोकुल से नही मिलती, पर ऊपर से आने वाली ध्वनि उसको मोहित कर देती है| फिर वह सकुचाते हुए गोकुल के घर जाती है| गोकुल उस का अभिनंन्दन करता है और उसे उन तीन लडकियो के सामने नाचने को कहता है| विवशता मे श्रिदा नाचती है| उन लडकियो के जाने के बाद गोकुल श्रिदा से पूछता है कि उसे नाचने का अहसास कैसा लगा? श्रिदा कहती है कि वह गोकुल से न्रित्य सीखेगी और dance competition मे अपना पूरा जोर लगाएगी, पर उसके इलावा गोकुल का कोई और शिष्य नही होना चाहिये| गोकुल मान जाता है| प्रतिदिन गोकुल श्रिदा को न्रित्य के विभिन्न आयामो के बारे मे बताता है और प्रशिश्रण देता है|

Dance competition से एक हफ्ते पहले सट्टा बाजार मे देव को काफी नुकसान हो जाता है और उसे heart attack हो जाता है| अस्पताल से वापस आकर परिवार एक परेशान अवस्था मे होता है| श्रिदा गोकुल से कहती है कि वह dance competition मे भाग नही ले पाएगी| गोकुल को लगता है कि इस समय अगर श्रिदा ने competition मे भाग नही लिया तो ना सिर्फ उसकी मेहनत व्यर्थ जाएगी अपितु श्रिदा कभी भी वो नही बन पाएगी जो वह चाहता है| वह श्रिदा को समझाता है कि मनुष्य को अपने कर्म से पीछे नही हटना चाहिये, और प्राक्रितिक विपदाऔ मे तो और भी प्रयास करके अपना जीवन सफल बनाना चाहिये|

Competition से एक दिन पहले गोकुल श्रिदा को देव से competition मे हिस्सा लेने कि अनुमती लेने को कहता है| इस बारे मे वह दोनो अनुभुति से बात करते है|
अनुभुति श्रिदा का मन समझते हुए कहती है देव से इस बारे मे बात करने का यह सही समय नही है और वह देव कि तबीयत कि चिंता किये बिना dance competition मे भाग ले|

Dance competition के दिन गोकुल श्रिदा के साथ स्कूल आता है| अनुपमा को जब पता लगता है कि श्रिदा ने न्रित्य गोकुल से सीखा तो वह ईर्षावश श्रिदा के कपडे, जिसे पहन कर श्रिदा को नाचना था, उन पर रंग लगा देती है| श्रिदा अपने रंगे हुए कपड़ो को देख कर रो पड़ती है| गोकुल उसे शाँत करा कर चेतावनी देता है कि यह उसके जीवन का संघर्ष है और उसे किसी भी हालत मे लडना होगा|

कुल छह लडकिया और तीन लडके dance competition मे भाग लेते है, जिनमे म्रिदुल और अनुपमा भी है| अनुपमा का नाच तीसरे नंबर पर और श्रिदा का चौथा होता है| अनुपमा के न्रित्य पर निर्णायकगण उसकी बहुत प्रशंसा करते है| मंच से जाते हुए वह श्रिदा को रंगा सियार कहती है|

श्रिदा का न्रित्य देख कर सभी लोग हैरान रह जाते है| उत्तम कला और आत्मविश्वास देख उसे दूसरे final round मे बुला लिया जाता है जिसमे उसके अलावा केवल अनुपमा और म्रिदुल होते है| तब गोकुल श्रिदा से कहता है कि उसे अनुपमा को अपने लिये, और म्रिदुल गोकुल के लिये हराना होगा|

तीनो को जानदार प्रदर्शन के बाद जब वे मंच पर खडे हो कर सब से अच्छे नर्तक के निर्णय की प्रतीषा कर रहे होते है तो एकाएक श्रिदा रो पडती है| पूछे जाने पर वह बताती है कि उसके पापा बहुत बिमार है| यह सुन कर अनुपमा
निर्णायकगो से कहती है उसने श्रिदा को उसने बहुत चोट पहुँचाई है और इस प्रतियोगिता के पुरस्कार कि वह ही असली हकदार है| निर्णायकगण श्रिदा को विजयी घोषित करते है और पूछते है कि किसे वह अपनी जीत का श्रेय देना चाहेगी? श्रिदा गोकुल को मंच पर बुलाती है| म्रिदुल तुरंत गोकुल के पैर छू कर माफी माँगता है| वही भीड मे देव और अनुभूति आते है, जिन्हे देख कर श्रिदा पुरस्कार सहित उनसे लिपट जाती है| स्कूल का principal देव को वापिस स्कूल मे आने का निमंत्रण देता है| गोकुल विनम्रता से यह कह कर मना कर देता है कि अब वह अपना स्कूल खोलेगा, जिसका नाम होगा- ...(मुस्कुराता है)|

The End

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